कभी न उड़े ख़ुशबू कोई गुलशन में महकते फूल की तरह। कभी न उड़े ख़ुशबू कोई गुलशन में महकते फूल की तरह।
सुकून का चेहरा कितना खूबसूरत होता है सुकून का चेहरा कितना खूबसूरत होता है
काश! मेरी हर बात तुमसे शुरू औ खत्म होती काश! मेरी हर बात तुमसे शुरू औ खत्म होती
वापसी पर वापसी पर
सब कहते दर्पण झूठ नही बोलता मैं कहता दर्पण कुछ नहीं बोलता सदियों से दर्पण गूँगा है गूँगा की गवाही... सब कहते दर्पण झूठ नही बोलता मैं कहता दर्पण कुछ नहीं बोलता सदियों से दर्पण गूँग...
याद आता है तुम्हारा चेहरा हो जाते फिरसे चलने को तैयार। याद आता है तुम्हारा चेहरा हो जाते फिरसे चलने को तैयार।